Latest Literature News
डॉ. रामकृष्ण के गीत
वस्तियाँ हैं, घर- घरौंदे, घंटियाँ बजतीं मंदिरों की सीढ़ियों पर चींटियाँ…
डाॅ. मधुसूदन साहा के दस दोहामुक्तक
(1) सोचा था कुछ और ही, हुआ मगर कुछ और। दस्तक देने…
चितरंजन भारती की कहानी- * जड़ों की ओर *
“उस किताब को तुम देख रही हो” देवजीत देवबर्मन उससे मुस्कुराकर बोला-…
डॉ. आशा सिंह सिकरवार की कविताएं
'बुरे दिनों में ' ( 1 ) बुरे दिनों में मुझे याद…
उमरचंद जायसवाल की ग़ज़लें
1. फिर कोई दिलदार मिला है मुझको मेरा प्यार मिला है अपलक…
डॉ. रामकृष्ण के गीत
1. अब नहीं भाते, चिढ़ाते टेसुओं के फूल। दोपहर की चिलचिलाती स्वयं…
ममता जयंत की कविताएं
1. मजदूर -------------------- उनका होना चेतना का होना है उनका चलना विकास…
डाॅ एम डी सिंह की ग़ज़लें
**** यूं पिट रही छातियों का कसूर पूछता हूं हो रही मातमपुर्सी…
सत्येन्द्र कुमार रघुवंशी के गीत
*जीवन फूलों-भरी लता है* लोग थका-माँदा न समझ लें, रखना कुछ तो…
वेद प्रकाश की कविताएं
मैं हवा के झोंका की तरह आऊंगा मैं हवा के झोंका की…