अशोक शुभदर्शी की कविताएं
दर्द चुप नहीं रहा समाज देखकर उसकी विक्षिप्तता उसके सोच- व्यवहार में आई कमी को यह जो दिख रही थी उसकी सक्रियता- सी यह उसकी महत्वाकांक्षा नहीं थी यह उसमें…
युवा कवि गोलेन्द्र पटेल की छह कविताएँ
1). *मेरा दुःख मेरा दीपक है* जब मैं अपनी माँ के गर्भ में था वह ढोती रही ईंट जब मेरा जन्म हुआ वह ढोती रही ईंट जब मैं दुधमुंहाँ शिशु…
रानीखेत में साहित्य समागम
रानीखेत से विमल सती एवं राजेंद्र पंत की रिपोर्ट खूबसूरत पर्यटक नगरी रानीखेत (उत्तराखंड) में दिनांक 22 जून 2024 को रानीखेत सांस्कृतिक समिति एवं कविजन हिताय द्वारा साहित्य समागम का…
सुलोचना वर्मा की कविताएं
बस नम्बर -185 चढ़ता है दिल्ली के सीने पर दौड़ती एक सौ पचासी नम्बर की बस में भूमंडलीकरण के प्रति सम्पूर्ण उदासीन एक किशोरवय कृशकाय बालक फँसाकर दो पत्थरों को…
डॉ. आरती कुमारी की ग़ज़लें
1 तेरी याद में जो गुज़ारा गया है वही वक़्त अच्छा हमारा गया है तुम्हें मेरी हालत पता क्या चलेगी मेरा जो गया कब तुम्हारा गया है तुम्हें इश्क़ का…
आलोचक-लेखक परशुराम जी नहीं रहे – अरुण माहेश्वरी
बहुत दुखद खबर है कि कोलकाता के साहित्य जगत में हमारे लगभग चार दशक से भी ज़्यादा समय के साथी परशुराम जी नहीं रहे । फ़ेसबुक पर मित्रों की पोस्ट…
सरला माहेश्वरी की कविताएँ
1. लापता लेडीज ! एक नयी नवेली दुल्हन नहीं जानती अपने ससुराल का पता भी ठीक से घूँघट ओढ़े गठरी जैसी बैठी है रेल के डिब्बे में उसके जैसी ही…
बदल रहा है प्रेमचंद का लमही गाँव
लमही से लौटकर सुशील स्वतंत्र प्रेमचंद जयंती (31 जुलाई) पर विशेष आज अगर आप प्रेमचंद के गांव लमही जाते हैं तो गांव में प्रवेश करने से पहले ही प्रेमचंद स्मृति…
* ‘शब्दाक्षर’ दक्षिण कोलकाता का मासिक काव्य-सम्मेलन सम्पन्न *
कोलकाता: रविवार की शाम 'शब्दाक्षर' दक्षिण कोलकाता जिला समिति, ने भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्थान, पार्क सर्कस, कोलकाता में एक सबरस कवि सम्मेलन का आयोजन किया। यह कार्यक्रम 'शब्दाक्षर' के राष्ट्रीय…
अखिलेश्वर पांडेय की कविताएं
1. सही जगह कौन सी है! जहां सबकुछ सही है वह जगह कौन सी है वह जगह कौन सी है जहां कुछ भी गलत नहीं कोई ऐसी जगह भी है…