Latest Literature News
जितेन्द्र धीर की ग़ज़लें
1. देखिये कैसा ये मंज़र हो गया । आज का इंसान पत्थर…
चितरंजन भारती की कहानी : * तूफान की वह रात *
जैसी कि उम्मीद थी शाम को पटना एयरपोर्ट पर एयरबस के उतरते…
श्यामबाबू शर्मा की कविताएं
मेरा गांव मेरे गांव का शिवाला अंबिका मंदिर और मस्जिद रिनोवेट हो…
समीक्षा : ‘अहल्या’ फनी मोहंती जी का मार्मिक काव्य-ग्रंथ : विजय कुमार तिवारी
काव्य सुख देता है,पीड़ा-जनित होता है और काव्य में साहित्य के सारे…
संस्मरण : अदम गोंडवी के साथ कवि सम्मेलन का मंच साझा करते हुए : डी एम मिश्र
( गुप्तारगंज का विराट कवि सम्मेलन व मुशायरा , वर्ष 2003 ,…
प्रतीक-कविता में नए अर्थ भरता है : गोवर्धन यादव
(परिभाषा) प्रतीक का अर्थ है” चिन्ह” किसी मूर्त के द्वारा अमूर्त की…
अनिरुद्ध सिन्हा की ग़ज़लों से गुजरते हुए : ज्ञानप्रकाश पाण्डेय
हिन्दी ग़ज़ल को मैं प्रगतिवादी कविता का उत्तरकांड मानता हूँ। यही वह…
मधुरेश : एक आलोचक का बनना और होना : पचास वर्ष की स्मृति-यात्रा : लवलेश दत्त
मधुरेश जी ने हिन्दी आलोचना जगत में अपना विशिष्ट स्थान बनाया है…
जयश्री रॉय की कहानी : * एक खूबसूरत झूठ *
उस समय नदी की तरह अबाध बहती दोपहर की सफेद धूप में…
डी एम मिश्र की ग़ज़लें
1 अँधेरा है घना फिर भी ग़ज़ल पूनम की कहते हो फटे…