Literature

पवन कुमार की कविताएं

कोई नहीं पूछेगा! कोई नहीं पूछेगा ! अपने मन की करो पर मन तो मान, नहीं रहा मानेगा भी नहीं,

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विजय सराफ मीनागी की कविताएं

"जो कभी हुआ ही नहीं" जैसे बहुत से सूर्य हैं, वैसे बहुत से समन्दर भी होंगे कईं ब्रह्माण्डों में- मानव

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विनोद कुमार मिश्रा की कविताएं

निज ध्येय सुदूर गगन में टिमटिमाते तारे को देख, क्या जाने,क्यों मुसकाता हूँ? दुख तज सारे खो चकाचौंध में हर्षित

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