आइल बसंत
सरसों फुललि आम बउराइल
भर सिवान ऋतुराज छछाइल
कोहरा बा कि मानत नइखे
सूरुज ओके फानत नइखे
आलू गोहूं टिकुरल हउवैं
पाला नटई छाड़त नइखे
चिउरा भूजा खा ओराइल
भर सिवान ऋतुराज छछाइल
आजु ना त काल्हु जइबे करी
गर छाड़ि जाड़ परइबे करी
शिशिर भाय केतनों तरनायं
अब बसंत पंचमी अइबे करी
रहिलो लउके लगल फुलाइल
भर सिवान ऋतुराज छछाइल
मधुमक्खी सब छोड़लीं डेरा
तितली लगावत हईं फेरा
माली आ भउंरा रहिअइलैं
फुलबगिअन में करे बसेरा
मातल भोर रात महुआइल
भर सिवान ऋतुराज छछाइल
बुरा ना मानो होली है
झाड़ू झाड़ू कीचड़ भइल खिलल कमल क फूल
ताल ठोक के हाथ आइल ऊहो चटलस धूल
जोगिरा सा रा रा रा रा
अयोध्या से सइकिल छरकलि आइल मिल्कीपूर
जोगी बाबा छुच्छी खोललैं फांकति बाटै धूर
जोगिरा सा रा रा रा रा
हाथ दुखाइल झाड़ू छूटल सइकिल भइल पंचर
कमल कूद के घोड़ा चढ़ल बकिया धइलैं खच्चर
जोगिरा सा रा रा रा रा
दिल्ली हरियाणा महाराष्ट्र जितलस जितलस मिल्कीपुर्र
कमल बइठल गद्दी पर बाकी भइलैं फुर्र
जोगिरा सा रा रा रा रा
हरियाणा में हाफ भइल महाराष्ट्र में तिहाई
दिल्ली आके साफ हो गइल बचल ना कांग्रेस आई
जोगिरा सा रा रा रा रा
जनता कइलस नमो नमो परइलैं केजरीवाल
अखिलेश राहुल थकि के हरलैं पकल न उनकर दाल
जोगिरा सा रा रा रा रा
दादा रे दादा
मनइन क गोड़ तरे मनई चंताता
दादा रे दादा
अमरित के फेर में माहुर पिआता
दादा रे दादा
समुन्द के मथलैं देव दानव कब्बो
अमरित क चाह जबर भाय रहल तब्बो
अमरित के फेर में अब कुंभ मथाता
दादा रे दादा
एतना ले मनई कुंभ में अमइलैं
दसगो क दवर रहल सौगो समइलैं
बरध के दंवरी अस मनई ख॔चाता
दादा रे दादा
मुअला क दाम मिली जिअला में धक्का
अदमी बा गोड़े पर जाम बा चक्का
चलतै चलत सभकर टंगरी टटाता
दादा रे दादा
कइसन त अजबै भेड़ियाधसान बा
गजबे क भाय ई त ओल्हापतान बा
सास पतोह ससुर स संगहीं नहाता
दादा रे दादा
होली हउए कहिआ
बीतल माघ आइल फागुन बहलि बयार फगुअहिआ
पूछत मरदा बा मउगी से होली हउए कहिआ
केराय गदराइल रहिला लदराइल
बा महुआ मातल ह अमवा बउराइल
होरहा भुजात लउकत बा सिवान में
ऊंखिओ छोला कोल्हुआने आइल
भेली खातिन गुड़ बदकत बा अउर कछात हऽ महिआ
पूछत मरदा बा मउगी से होली हउए कहिआ
पाहुन लसराइल ह सरहज रसुआइल
देवरा सहकल बा भउजी लरुआइल
छोकरा-छोकरी नवहा-पुरनिआ सभ
फाग-रस घोरि-बोरि के बा मदमाइल
भांगि लोढ़िआ के गोलिआइल सीली प सनकहिआ
पूछत मरदा बा मउगी से होली हउए कहिआ
गोझिआ गोहरवलस पूआ छछाइल
जागल लकठा दहीबारा सुरिआइल
सेवड़ा मठरी भुजिया दालमोठ संग
पापड़ खुरमा सभ बाने सोझिआइल
लाल-करिआ पोते खातिन छरिआइल ह पतोहिया
पूछत मरदा बा मउगी से होली हउए कहिआ
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डाॅ एम डी सिंह, गाजीपुर ( उत्तर प्रदेश)