1.
जो नहीं अब तक हुआ वो आज होते देखिए
ज़िन्दगी की जंग का आगाज़ होते देखिए
जो दिये तुमने अभी तक ज़ुल्म वाले सिलसिले
आज वापस मूल के संग व्याज़ होते देखिए ं
हम अभी तक प्यार से समझा रहे थे बात को
अब हमारा खुरदुरा अंदाज़ होते देखिए
जिस तरह सुनने समझने का तुम्हें अभ्यास है
उस तरह से ही मेरी आवाज़ होते देखिए
जिन परिंदों के कतर डाले हैं पर सैयाद ने
उन सभी की फिर नई परवाज़ होते देखिए
कीमती होते हैं जैसे हीरे, मोती, जेवरात
इस तरह आलू, टमाटर, प्याज होते देखिए
2.
कौल वादा वफ़ा इक़रार की ऐसी-तैसी
ज़िंदगी छीन ले उस प्यार की ऐसी-तैसी
जेठ की धूप में छत पर जो सुखाये हमको
ऐसे हालात में दीदार की ऐसी-तैसी
बेखुदी ओढ़ के चिल्लाये जो लैला लैला
इस तरह इश्क़ के बीमार की ऐसी तैसी
कौन रोकेगा भला मिलने मिलाने से हमें
देखता हूँ तेरी फटकार की ऐसी तैसी
प्यार पाने के लिए मार भी कुबूल हमें
जूतियाँ, चप्पलें हथियार की ऐसी तैसी
हो गया प्यार तो तकरार भी मंजूर हमें
नीति की, जीत की या हार की ऐसी तैसी
प्यार का भूत जो चढ़ जाये किसी के सर पर
फिर तो माता पिता परिवार की ऐसी तैसी
हीर राझां के कई किस्से सुने तो होंगे
जात और धर्म की दीवार की ऐसी तैसी
हाथ में हाथ रहे जि़न्दगी भी साथ रहे
जान पर आये तो फिर प्यार की ऐसी तैसी
राहतें तो सभी मिलती हैं रहमतों की तरह
दौरे हालात में हकदार की ऐसी तैसी
रोज़ दरबार में पढ़ता है क़सीदे जा कर
भूख के सामने फ़नकार की ऐसी-तैसी
हादसे छोड़ के छापे जो छींक मंत्री की
इस तरह के हर इक अख़बार की ऐसी तैसी
सामने मौत का सामान खड़ा हो तन कर
झूठ के मुख्तलिफ़ इन्कार की ऐसी-तैसी
देश को लूट के क़ानून सिखाती सब को
दोगली कलमुँही सरकार की ऐसी-तैसी
ला के उत्पाद बताता है ज़रूरी सबको
घर में फैले हुए बाज़ार की ऐसी तैसी
आप का काम किया है तो निकालो रिश्वत
आप के शुक्रिया, आभार की ऐसी-तैसी
आई समृद्धि तो सुख, चैन हो गये गायब
ऐ तरक्की तेरी रफ़्तार की ऐसी तैसी
पाँचवी फेल था जो आज बन गया मंत्री
डिग्रियों से लदे हुश्यार की ऐसी-तैसी
लोग ससुराल के रिश्तों पे समर्पित ऐसे
वक़्त आ जाये तो परिवार की ऐसी-तैसी
ज़िंदगी नर्क बना दी है धर्म ने सब की
पोथियों में लिखे उद्धार की ऐसी-तैसी
आपने सोख ली साँसों की ताज़गी सारी
आपके इस नए अवतार की ऐसी तैसी
भूल के शिकवे गिले आओ गले मिल जाएँ
मुददतों से ठनी तकरार की ऐसी तैसी
ढेर लाशों के लगाए हैं बेगुनाहों के
अम्नो अख़लाक़ के अधिकार की ऐसी तैसी
वोट के वास्ते कितने ही मुखौटे बदले
रहनुमा बन गए किरदार की ऐसी तैसी
अच्छे दिन देख के निकले हैं सभी के आंसू
झूठी झूठी हुई जय कार की ऐसी तैसी
डिगरियां लेके पकौड़ों के खोमचे खोलें
आपकी राय औ रुजगार की ऐसी तैसी
आपके नाम से दहशत भी दहल जाती है
आपके सामने खूंखार की ऐसी तैसी
जो गधों को भी बना देती है अफसर ऊंचा
घूस के सामने हुशियार की ऐसी तैसी
जुल्मो हालात से लड़ने को जो तैयार नहीं
रोते सहते हुए लाचार की ऐसी तैसी
ना कोई ज़ख़्म हो ना जिस्म से लोहू निकले
हुस्न के सामने तलवार की ऐसी तैसी
खोल दो नाव के तटबंध संभालो चप्पू
आये तूफान औ मंझधार की ऐसी तैसी
दौड़ती, हांफती, खूंरेज़ तरक्की आई
प्यार की थम गई रफ़्तार की ऐसी तैसी
मंच पर आप जो आये तो मर गए दर्शक
तोप, बंदूक और तलवार की ऐसी तैसी
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महेश कटारे सुगम, बीना, मध्यप्रदेश