*‘आर्ट क्रिएशन्स कल्चरल सोसाइटी’ द्वारा संगीतमय कार्यक्रम ‘संकलन 3- एक शाम देश के नाम’ का सफल आयोजन हुआ*
*रिपोर्ट राजू बोहरा / विशेष संवाददाता* *(कार्यक्रम में जॉइंट सीपी विजय सिंह, आनंद मिश्रा डीसीपी, एसडीएम संजय कुमार अंबस्ता, एसडीएम मनीष चंद्र वर्मा, मनोज कुमार शर्मा अधीक्षक तिहाड़ जेल सहित…
*मुंशी प्रेमचंद की सुप्रसिद्ध कहानी पर आधारित नाटक ‘कफन’ के तीन शो का शानदार मंचन मुंबई में किया, मुख्य अतिथि के रूप में धारावाहिक किंग धीरज कुमार रहे उपस्थित*
*राजू बोहरा / विशेष संवाददाता* मुंबई , हाल ही में वीकेएस.फिल्म एकेडमी के छात्रों ने मुंबई में महान लेखक मुंशी प्रेमचंद की सुप्रसिद्ध कहानी पर आधारित नाटक ''कफन'' के तीन…
यूक्रेनी कवि यूरी बोत्वींकिन की कविताएं
फ़रिश्ता... मेरी रक्षा के लिए भेजे फ़रिश्ते, तुम हो भी क्या?.. और हो तो बस छुप जाओ तुम मेरी पीठ के पीछे - सुरक्षित रहोगे... यह जो विजेता का सेहरा…
पंकज त्रिपाठी “पीपुल्स एक्टर” कह लाए जाने टाइटल पर खरे उतरे, हाल की न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान असुविधा के बावजूद प्रशंसकों के सेल्फी के अनुरोध को स्वीकार किया*
अमरनाथ बॉलीवुड में "पीपुल्स एक्टर" के नाम से मशहूर बहुमुखी अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने एक बार फिर अपने प्रशंसकों के साथ अपने गहरे संबंध का प्रदर्शन किया है। पंकज त्रिपाठी,…
डॉ. रामकृष्ण के गीत
वस्तियाँ हैं, घर- घरौंदे, घंटियाँ बजतीं मंदिरों की सीढ़ियों पर चींटियाँ पलतीं।। खेत हैं ,खलिहान है, चौपाल जमता है धूप में, नम चाँदनी में मन विरमता है।। भेट की…
डाॅ. मधुसूदन साहा के दस दोहामुक्तक
(1) सोचा था कुछ और ही, हुआ मगर कुछ और। दस्तक देने लग गया, फिर दुर्दिन का दौर। कहीं खूब बारिश हुई, कहीं धूल ही धूल, मौसम के इस खेल…
संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ.बी.आर.अम्बेडकर के जीवन पर प्रेरणा दायक और शिक्षाप्रद डांस-ड्रामा शो ”14 अप्रैल डॉ.भीम राव अम्बेडकर” का हुआ सफल आयोजन*
*(राजू बोहरा)* नई दिल्ली, लंबे समय से आर्ट एंड कल्चर को समर्पित दिल्ली की जानीमानी संस्था ‘स्पेस परफॉर्मिंग आर्ट्स’ ने 16 अगस्त 2024 शुक्रवार को संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के…
चितरंजन भारती की कहानी- * जड़ों की ओर *
“उस किताब को तुम देख रही हो” देवजीत देवबर्मन उससे मुस्कुराकर बोला- “उसने मेरा जीवन बदल दिया था।” “वह कैसे” माधवी उत्सुकता से भरकर बोली- “जब वह किताब तुम्हारी थी,…
डॉ. आशा सिंह सिकरवार की कविताएं
'बुरे दिनों में ' ( 1 ) बुरे दिनों में मुझे याद आये वे लोग जो बुराई के ख़िलाफ़ लड़े थे। ( 2 ) बुरे दिनों में आटा दाल का…
उमरचंद जायसवाल की ग़ज़लें
1. फिर कोई दिलदार मिला है मुझको मेरा प्यार मिला है अपलक नैनों से उसे देखूं जीवन का आधार मिला है भटका दर-दर अब जा पाया मुझको भी घर-बार मिला…