तालिमी मरकज एवं विकास मित्र के मानदेय में दोगुना वृद्धि का निर्णय सराहनीय : उमेश सिंह कुशवाहा
20 सितंबर 2023, पटना बिहार जनता दल(यू0) के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार…
मुख्यमंत्री के नारी सशक्तीकरण मॉडल से प्रेरित है मोदी सरकार का महिला आरक्षण बिल : श्रवण कुमार
महिला आरक्षण बिल का निर्णय स्वागत योग्य, लेकिन इसे जल्द ही अमल में लाया जाए - जयंत राज 20 सितंबर 2023, पटना बुधवार को जनता दल (यू0) मुख्यालय में आयोजित…
तत्काल प्रभाव से महिला आरक्षण लागू हो, मोदी सरकार खेलना चाहती है चुनावी कार्ड
*ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं के आरक्षण पर बिल में कोई प्रावधान क्यों नहीं?* *जी 20 की बैठक के उपरांत कनाडा व अन्य देशों से भारत के बिगड़ रहे रिश्ते* *जब…
साहित्य में अश्लीलता परोसने की विकृति : राकेश भारतीय
अश्लीलता एक ऐसा शब्द है जिसकी कोई सर्वकालिक तथा सर्वमान्य परिभाषा संभव ही नहीं है। इस संसार में अलग-अलग कालखण्ड में संस्कृति के अलग-अलग रंग हावी रहे हैं; देश और…
जयराम सिंह गौर की कहानी : ‘मुकदमा’
आज अचानक सरजू लाला घंटाघर पर मिल गए, वह गाँव में रहते थे शहर बहुत ही कम आते हैं। वह गाँव में मेरे पड़ौसी भी हैं। उनसे पूछा,‘लाला जी…
बिहार भाजपा महिला मोर्चा ने प्रदेश कार्यालय पर बाजे-गाजे के साथ मनाया उत्सव
पटना 19 सितंबर: भारत में महिलाओं को श्रेष्ठ राजनीतिक उपलब्धि दिलवाएगा पीएम मोदी द्वारा लाया गया महिला आरक्षण विधेयक -धर्मशीला गुप्ता पीएम मोदी ने महिलाओ को दिया श्रेष्ठतम उपहार भाजपा…
नारी शक्ति वंदन विधेयक से पीएम ने नारी शक्ति के लिए कई दरवाजे खोले : सम्राट चौधरी
सम्राट ने नारी शक्ति वंदन विधेयक के लिए प्रधानमंत्री जी का किया अभिनंदन, कहा, नारी सशक्तिकरण के लिए बड़ा कदम पटना, 19 सितंबर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बिहार इकाई के…
चितरंजन भारती की कहानी : ‘जख्मों के निशान’
वह एक खुशनुमा शाम थी, जब मैं पहली बार उससे मिला था। हमारे पड़ोसी तालीमेरेन जी ने ही हमारा हाल-चाल लेने के लिए उसे भेजा था। दरवाजा मैंने ही खोला…
नीता अनामिका की कविताएं
पृथ्वी ********* हे सौर-नीहारिका पुत्री पृथ्वी विशाल ब्रह्मांड में विज्ञान के कई रहस्यों से पर्दा हटाती एक बेहद महत्त्वपूर्ण पुस्तक हो तुम। तुम अतीत में नहीं थी डर लगता है…
आशा सिंह सिकरवार की कविताएं
कोल्हू का बैल मुँह अंधेरे से चकई चलती है पिसती हैं चूर - चूर कर अपना वजूद सिर पर उठाती हैं पृथ्वी अंधेरे से गुजरते हुए कहाँ -कहाँ क्षत -विक्षिप्त…