लिली मित्रा की कविताएं
*शब्दों के चित्र* कांच की खाली बोतल में पहले भरे अलग-अलग आकार-प्रकार के चिकने रंगीन पत्थर घुमा फिरा कर देखा बोतल को मन मुस्कुराया और आँखों ने खोज ली…
*कवि रमाकांत रथ – एक युग का अवसान*
अनिमा दास सॉनेटियर,(कटक, ओड़िशा) रात में तुम्हें नहीं करूँगा स्पर्श कदाचित स्पर्श करने के पश्चात् तुम जल.. मैं पवन घुल जाऊँगा उसमें कदाचित जन्म जन्मांतर तुमको पाने का कर्मफल…
डी एम मिश्र की ग़ज़लें
1. बडे आराम से वो क़त्ल करके घूमता है उसे मालूम है जज भी तो पैसा सूँघता है बड़ा त्यागी, तपस्वी ख़ुद को सन्यासी बताता बना है संत बँगला कार…
भारतीय प्राचीन ज्ञान-परम्परा में प्रसव पूर्व मनोविज्ञान (Prenatal Psychology)- यूरी बोत्वींकिन
यूरी बोत्वींकिन, हिंदी शिक्षक एवं भारतविद्, (तरास शेव्चेंको कीव राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, यूक्रेन) “ज्ञान ही शक्ति है” – मेरी मातृभाषा यूक्रेनी में यह कथन अनेक शैक्षिक संस्थाओं में एक नारे के…
दूरदर्शन के चर्चित टीवी शो रामसे हाउस का मुम्बई में भव्य प्रीमियर हुआ, फिल्मों एवं टेलीविजन की अनेक बड़ी हस्तियां ने प्रीमियर में की शिरकत
राजू बोहरा / विशेष संवाददाता, मुंबई, Bollywood News: 23 मार्च से दूरदर्शन नेशनल DD1 पर प्रत्येक रविवार रात्रि 8.30 बजे प्रसारित हो रहे हॉरर सीरियल रामसे हाउस का 20 मार्च…
* स्पेस परफॉर्मिंग आर्ट्स के कलाकारों ने दीं कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां *
*राजू बोहरा / वरिष्ठ संवाददाता* नयी दिल्ली। आर्ट एंड कल्चर को समर्पित दिल्ली की जानी मानी संस्था ‘स्पेस परफॉर्मिंग आर्ट्स’ अब किसी खास परिचय की मोहताज नहीं। यह संस्था समय…
*फिल्म टीवी कलाकार एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ज्योतिषी व टैरो कार्ड रीडर डॉ. शची केशरी को मिला ज्योतिष शिरोमानी सम्मान*
*(राजू बोहरा/ नई दिल्ली)* कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज के तहत, अखंड ब्राह्मण समाज सेवा समिति, पाराशरीय ज्योतिष संसथान रायपुर और श्री महाकाल धाम अमलेश्वर के संयुक्त तत्वावधान में पहले राष्ट्रीय ज्योतिष…
राज्यवर्द्धन की कविताएं
1. बीज --------------- बीज की तरह कवि धरती में बो देता है -कविता कविता धरती का कर्ज है धरती का कर्ज चुकाने के लिए कवि को लिखनी होती है-कविता। 2.…
अनिमा दास की कविताएं
क्षण भर वसंत (सॉनेट) एक वंशी.. यमुना तट.. रासकुंज.. एवं मैं स्वरित समीर की..सुगंधित शीतलता भी सुप्त स्वप्न में सौंदर्य का अन्वेषण भी है यामा की है यात्रा... प्रतीक्षा है…
डाॅ एम डी सिंह की भोजपुरी बसंत कविताएं
आइल बसंत सरसों फुललि आम बउराइल भर सिवान ऋतुराज छछाइल कोहरा बा कि मानत नइखे सूरुज ओके फानत नइखे आलू गोहूं टिकुरल हउवैं पाला नटई छाड़त नइखे चिउरा भूजा खा…