पटना \ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के दरबार में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 62 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।
जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, वित्त विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, श्रम संसाधन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, जल संसाधन विभाग, उद्योग विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, परिवहन विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, योजना एवं विकास विभाग, पर्यटन विभाग, भवन निर्माण विभाग, वाणिज्य कर विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, गन्ना (उद्योग) विभाग तथा विधि विभाग से संबंधित मामलों पर सुनवाई हुयी ।
पूर्वी चंपारण जिले से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा हमारे पंचायत में नल-जल योजना के अंतर्गत जो पेयजल की आपूर्ति की जाती है वह साफ नहीं रहता है। इस संदर्भ में संबंधित अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी अब तक किसी प्रकार का कोई सुधार नहीं हुआ है, जिससे हमलोग दूषित पानी पीने को विवश हैं। मुख्यमंत्री ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
कटिहार जिले से आयी एक आंगनबाड़ी सेविका ने गुहार लगाते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि सी०डी०पी०ओ के द्वारा मुझे लगातार तंग किया जाता है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया ।
पूर्वी चंपारण जिले से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि वर्ष 2017 से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने के लिए कहा गया था, जो अब तक नहीं बन पाया है। इसके बन जाने से यहां के लोगों को सुविधा होगी।
अररिया जिले से आए एक वृद्ध ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि कोरोना से मृत्यु के मामले में अब तक अनुग्रह राशि का लाभ नहीं मिल सका है।
जहानाबाद जिले से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि मेरे पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर मुझे अब तक नौकरी नहीं मिली है, जिससे परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग से उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।