– अमरनाथ
सामाजिक फिल्मों की बहुत कमी दिख रही है। ऐसे में यह फिल्म ‘ये कैसा पेशा’ बनाना एक जिम्मेदारी पूर्ण दायित्व है समाज के प्रति। समाज के सच को दिखाना यही तो निर्माता निर्देशक का दायित्व है।
सुदामा प्रोडक्शंस के बैनर तले बनी निर्माता *सुरेश कुमार मालाकार* की सामाजिक फिल्म *”ये कैसा पेशा”* इसी शुक्रवार को मुंबई, बिहार व झारखंड में एकसाथ प्रदर्शित हो रही है। यह हिन्दी फिल्म *आलोक श्रीवास्तव* द्वारा निर्देशित है। इसमें अंधविश्वास और अंधभक्ति के विरूद्ध जनजागृति उत्पन्न करनेवाला तथ्यात्मक संदेश है। इसमें ढोंगी बाबाओं और गुरु माॅंओं द्वारा फैलाए जा रहे अंधविश्वास का पर्दाफाश किया गया है। कुरीतियां फैलाकर अपना मक़सद पूरा करनेवाली, गुरु मां जैसे शब्द को कलंकित करनेवाली तथाकथित गॉडवूमन का असली चेहरा दिखानेवाली यह फिल्म इस बात का खुलासा करेगी कि धर्म कर्म की दुहाई देकर ऐसी स्त्रियां कैसे युवतियों को अपने चंगुल में फंसाकर उनका शोषण कराती हैं।
निर्माता *सुरेश कुमार मालाकार* के शब्दों में यह फिल्म किसी भी ऐसे कुकृत्य करनेवाली गुरु मां के जीवन की कहानी नहीं है। यह समाज में फैल रही इस गंदगी से बचने और ऐसी स्त्रियों से दूर रहने के लिए आगाह करती है। *अर्पिता माली* ऐसी ही एक *गुरु मां* की भूमिका में नजर आएंगी। अन्य महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं – रोवीश चौधरी, नीलम सेठ, मेराज खान, दशरथ कचरावत, ज्योति मिश्रा, सुनील कचरावत, कृष्णा गगोई, अमन कौर, राशिका, सिमरन, संजीव मिश्रा, मनु, बंटी, सुमीत और अनमोल। पटकथा संवाद राजेश पाण्डेय, संगीत अभिजीत झा, संपादन विनोद कुमार एवं सुदीप सुमन, नृत्य निर्देशन चेतना सिंह तथा छायांकन प्रमोद पाण्डेय का है।