कोणार्क – एक जीवंत गाथा – अनिमा दास
सॉनेटियर, कटक, ओड़िशा सौंदर्य का कोई अंत नहीं होता.. इसका महत्व दर्शक की दृष्टि में सदैव नवीन रहता है। कोणार्क इसका ज्वलंत उदाहरण है। नित्य नूतन है कोणार्क। कोणार्क ओड़िशा…
संस्मरण: सब ठीक है, माँ… दादा… : यूरी बोतविन्किन
सब ठीक है, माँ... मुझे नहीं पता मैं अच्छा बेटा हूँ या बुरा... अपनी माँ से झूठ बोलना यदि बुराई है तो…
इंडो इंटरनेशनल फैशन कार्निवल एंड अवार्ड्स सीजन 2: लोगो लॉन्च इवेंट एक शानदार सफलता*
अत्यधिक प्रतीक्षित इंडो इंटरनेशनल फैशन कार्निवल एंड अवार्ड्स सीजन 2: मिस, मिसेज और मिस्टर स्टार यूनिवर्स ने एक शानदार लोगो लॉन्च इवेंट के साथ अपनी यात्रा की शुरुआत की, जिसने…
चितरंजन भारती की कहानी-* रुपये दस हजार *
“शिवानी, मैं मार्केट जा रहा हूँ” अजय चौहान तैयार होते हुये बोले- “क्या कुछ लाना है बाजार से?” “मैं इस समय किचन में व्यस्त हूँ” शिवानी किचन में से हाथ…
उमेश पंकज की कविताएं
कुआं .......... कुएं में मैं नहीं रहता लेकिन घर मेरा कुएं जैसा है इस घर में इतने कुएं हैं कि गिनती नहीं की जा सकती घर में तीन चार बाल्टियां…
हॉलीवुड फिल्म “महायोगी:हाइवे 1 टू वननेस रिव्यू
डॉ. सत्य प्रकाश गुप्ता अध्यात्म क्या धर्म या मजहब से पृथक है?अध्यात्म क्या योग या ध्यान से अलग है? धर्म की मौलिकता क्या अध्यात्म के दर्शनवादी दृष्टिकोण से अलग है…
एकता का दृष्टिकोण: राष्ट्रीय विकास के लिए एक आध्यात्मिक खाका*
प्रस्तुति: अमरनाथ नई दिल्ली, 6 दिसंबर। बढ़ते सामाजिक तनाव और राजनीतिक जटिलताओं के समय में, प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेता डॉ. विनोद स्वर्ण गुरु ने एकता और सद्भाव का संदेश देकर देश…
निज भाषा उन्नति अहै…
- रामचंद्र ओझा मित्रों, भारतेंदु हरिश्चंद्र ने कभी हिंदू -हिंदी के या भारत के अवसान पर रुदन किया था, वही रुदन हममें से कई विद्वान आज भी कर रहे हैं।…
देश के प्रसिद्ध साहित्कारों पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा, लक्ष्मी शंकर बाजपेई, शिक्षाविद् एवं कवि एवं उद्भव विवेक गौतम, कवयित्री ममता किरण, कवि चंद्रमणि ब्रह्मदत्त ने आर.जे. रेखा के दूसरे कविता संग्रह “कोशिश करके देख” का भव्य लोकार्पण किया
*राजू बोहरा / वरिष्ठ पत्रकार, नई दिल्ली* नई दिल्ली,19 अक्टूबर 2024 , सुप्रसिद्ध रेडियो जॉकी, वॉइस ओवर आर्टिस्ट और टीवी एंकर आर.जे.रेखा के दूसरे काव्य संग्रह “कोशिश करके देख” का…
निराला सम्मान के बहाने सेः ‘जो कुछ है बस है’
- रामचंद्र ओझा बहुत दिन अभी नहीं बीते हैं, जब विष्णुनागर को ''निराला सम्मान" दिया जा रहा था तो विवाद इस बात को लेकर हुआ कि विष्णु नागर निराला की…