⦁ जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री ने जदयू कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा, बिहार सरकार केंद्र को लिख चुकी है कई पत्र, केंद्र के सकारात्मक उत्तर का है इंतजार
⦁ भाजपा के कुछ लोग यह कह कर भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं कि केंद्र सरकार शोभन में आवंटित जमीन पर एम्स निर्माण के लिए तैयार है, ऐसे लोगों को दिल्ली जाकर केंद्र का पत्र लाना चाहिए
*पटना, 29 जुलाई 2023*
दरभंगा में एम्स के निर्माण को लेकर जारी सियासत के बीच बिहार सरकार के जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री श्री संजय कुमार झा ने इसके एक-एक पहलू का तथ्यों और दस्तावेजों के साथ विस्तार से जवाब दिया। शुक्रवार को जदयू कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा शोभन-एकमी बाईपास के निकट नि:शुल्क आवंटित भूमि पर एम्स निर्माण के संबंध में केंद्र से सकारात्मक उत्तर मिलते ही उसमें मिट्टी भराई का काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के कुछ लोग यह कह कर भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं कि केंद्र सरकार शोभन में आवंटित जमीन पर एम्स निर्माण के लिए तैयार है। ऐसे लोगों को धरना-प्रदर्शन की राजनीति करने की बजाय दिल्ली जाकर केंद्र सरकार से इस आशय का पत्र ले आना चाहिए या बिहार सरकार को भिजवाना चाहिए।
*श्री संजय कुमार झा ने कहा कि इंजीनियर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने दरभंगा में एम्स निर्माण के लिए शोभन-एकमी बाईपास के निकट चिह्नित भूमि के एक-एक पहलू का खुद स्थल पर जाकर मुआयना करने और गहन समीक्षा के बाद ही उसकी स्वीकृति दी है। बिहार सरकार मुफ्त जमीन देने के साथ-साथ उसमें मिट्टी भराई, समतलीकरण तथा चहारदीवारी निर्माण के लिए 309 करोड़ से अधिक रुपये कैबिनेट से मंजूर कर कार्य का टेंडर जारी कर चुकी है। दिल्ली से आई केंद्र की टीम ने आवंटित जमीन का मुआयना करने के बाद वहां पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि जमीन एम्स के लिए उपयुक्त है। लेकिन, बाद में पता नहीं क्या हुआ कि केंद्र सरकार ने दरभंगा में आवंटित भूमि को अनुपयुक्त बताते हुए वहां एम्स का निर्माण कराने से मुकर गई। केंद्र सरकार जैसे ही उस भूमि पर एम्स निर्माण की सहमति देगी, उसके तत्काल बाद बिहार सरकार मिट्टी भराई का काम शुरू करा देगी। दरभंगा में एम्स बनेगा तो इससे केवल दरभंगा के लोगों को लाभ नहीं होगा, संपूर्ण मिथिला और संपूर्ण उत्तर बिहार के साथ-साथ नेपाल तक से लोग वहां आकर इलाज करवाएंगे। इसलिए भाजपा के लोगों को जनहित के इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर ओछी राजनीति नहीं करनी चाहिए।*
श्री संजय कुमार झा ने दरभंगा एम्स से जुड़े घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार ने दिनांक 03 अप्रैल 2023 को लिखे पत्र के जरिये केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से अनुरोध किया गया था कि दरभंगा एम्स के लिए बहादुरपुर अंचल में शोभन-एकमी बाईपास के निकट नि:शुल्क आवंटित 151.17 एकड़ भूमि पर एम्स निर्माण की स्वीकृति दें।
इसके जवाब में सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दिनांक 12 अप्रैल 2023 के अपने पत्र में कहा, उनका मंत्रालय राज्य सरकार द्वारा ऑफर की गई भूमि पर एम्स के निर्माण के संबंध में कोई भी निर्णय लेने से पहले मंत्रालय द्वारा गठित केंद्रीय टीम के जरिये जमीन का आकलन करवायेगी कि वह एम्स निर्माण के लिए उपयुक्त है या नहीं। टीम के गठन और उसके दरभंगा भ्रमण के बारे में सूचना दे दी जायेगी।
इसके बाद सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दिनांक 26 मई 2023 के अपने पत्र के माध्यम से बताया कि मंत्रालय की एक टीम ने दरभंगा एम्स के लिए प्रस्तावित भूमि का 24 अप्रैल 2023 को स्थल निरीक्षण किया। टीम ने उक्त भूमि को विभिन्न कारणों से एम्स निर्माण के लिए अनुपयुक्त पाया है। इनमें प्रमुख कारण हैं- प्रस्तावित भूमि लो लैंड है। उसमें कई छोटे-बड़े गड्ढे हैं। प्रस्तावित भूमि में बड़े पैमाने पर मिट्टी भराई की आवश्यकता होगी, जो शायद दरभंगा के आसपास मिल पाना संभव नहीं होगा। साथ ही इससे प्रोजेक्ट की लागत काफी बढ़ जाएगी। मिट्टी भर कर एम्स का निर्माण कराने पर उसके ढांचे के स्थायित्व को गंभीर खतरा रहेगा। मिट्टी भराने के बाद भूमि विकास तकनीक से उसकी उपयोगिता की जांच करानी पड़ेगी, इससे भी लागत में वृद्धि होगी। उक्त कारणों से उनके मंत्रालय ने बिहार सरकार द्वारा प्रस्तावित भूमि को एम्स निर्माण के लिए अनुपयुक्त पाया है। इसलिए उनका मंत्रालय राज्य सरकार से अनुरोध कर रहा है कि किसी अन्य उपयुक्त भूमि का प्रस्ताव भेजे।
उक्त पत्र का बिहार सरकार की तरफ से उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने पत्र दिनांक 22 जून 2023 के माध्यम से विस्तृत जवाब दिया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मांडविया जी को संबोधित उक्त पत्र में बताया गया कि दरभंगा एम्स के लिए नि:शुल्क आवंटित भूमि पर मिट्टी भराई, समतलीकरण एवं चहारदीवारी निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा अलग से 309 करोड़ रुपये की मंजूरी दी जा चुकी है तथा इसकी निविदा प्रक्रियाधीन है। प्रस्तावित संपूर्ण भूखंड (सरकारी एवं रैयती) ग्रीनफील्ड एरिया है। उक्त भूमि ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर से करीब तीन किलोमीटर, दरभंगा शहर से करीब 5 किलोमीटर और दरभंगा हवाई अड्डा से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर है। इससे वहां मरीजों का आवागमन सुगम होगा। अत: जनहित में उक्त भूमि के प्रस्ताव को स्वीकृत किया जाना सर्वथा उपयुक्त होगा।
इस पर केंद्र सरकार से कोई जवाब नहीं मिलने पर उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री ने दिनांक 14 अगस्त 2023 को फिर एक रिमाइंडर लिखा। पुन: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मांडविया जी को संबोधित पत्र में कहा गया है कि दिनांक 22 जून 2023 को लिखे गये पत्र का उत्तर अप्राप्त है। दरभंगा एम्स के लिए आवंटित भूमि के संबंध में विशेष तौर पर कहना है कि, चिह्नित स्थल ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर से मात्र तीन किलोमीटर, आमस दरभंगा फोरलेन सड़क से मात्र 5 किमी, और दरभंगा एयरपोर्ट से मात्र 10 किमी की दूरी पर अवस्थित है। इससे किसी भी जिले से मरीजों का वहां पहुंचना सुगम होगा। एम्स की स्थापना शहर से बाहर होने की स्थिति में दरभंगा शहर के विस्तारीकऱण के साथ नये इलाके में विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। दरभंगा में एम्स के निर्माण से संपूर्ण उत्तर बिहार और नेपाल तक के लोगों को उच्चस्तरीय इलाज की सुविधा प्राप्त होगी। दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का विकास और दरभंगा एम्स का निर्माण अलग-अलग होने की स्थिति में दोनों अस्पताल विशेषज्ञ अस्पताल के रूप में विकसित होंगे। डीएमसीएच में अब भूमि उपलब्ध नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार उसे 2500 बेड के अस्पताल में पुनर्विकसित करने के लिए 3115 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत कर चुकी है। अत: पुन: अनुरोध है कि उत्तर बिहार की जनता के व्यापक हित में दरभंगा एम्स की स्थापना के लिए उक्त भूखंड के प्रस्ताव को स्वीकृत करने के लिए शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेने की कृपा की जाये।
*श्री संजय कुमार झा ने संपूर्ण मिथिलावासियों की तरफ से केंद्र सरकार से पुन: अनुरोध किया कि बिहार सरकार द्वारा शोभन-एकमी बाईपास के निकट नि:शुल्क आवंटित 151.17 एकड़ जमीन पर एम्स के निर्माण की सहमति दें। केंद्र सरकार की सहमति मिलते ही वहां मिट्टी भराई का काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा में और बाहर भी बार-बार कह चुके हैं कि वहां मिट्टी भराई और हाईवे से फोरलेन कनेक्टिविटी देने सहित उस जमीन के विकास के लिए जो भी करना होगा, राज्य सरकार अपने संसाधनों से करवा देगी। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कैबिनेट ने उस जमीन पर मिट्टी भराई, समतलीकरण और चहारदीवारी निर्माण के लिए 309 करोड़ रुपये की मंजूरी पहले ही दे दी है। इस कार्य के लिए जल संसाधन विभाग, बिहार ने खिरोई नदी की तलहटी और बागमती नदी के हनुमाननगर से जटमलपुर तक के इलाके से मिट्टी मुफ्त देने की सहमति भी दे दी है।*
श्री संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार को दूसरा एम्स देने की घोषणा वर्ष 2015 के केंद्रीय बजट में ही की गई थी। दूसरा एम्स किस शहर में बने, इसका फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को करना था, क्योंकि भूमि राज्य सरकार को मुफ्त उपलब्ध करानी थी। मुख्यमंत्री ने शुरू से कहा है कि बिहार का दूसरा एम्स दरभंगा में ही बनेगा और केंद्र सरकार को आधिकारिक रूप से इसकी जानकारी भी दे दी गई थी। लेकिन, पांच वर्षों के बाद 2020 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिहार के लिए दूसरे एम्स को मंजूरी दी। बिहार सरकार ने जब दरभंगा एम्स के लिए डीएमसीएच की भूमि देने का प्रस्ताव दिया था, तब भी केंद्र से आई टीम ने उसे ‘लो लैंड’ बताने और उसका कुछ हिस्सा रेलवे लाइन के दूसरी तरफ होने सहित कई खामियां गिनाई थीं।