पटना 14 जुलाई 2023
भाकपा-माले और बालू मजदूरों के लोकप्रिय नेता कॉ. गोपाल सिंह उर्फ गोपी जी के निधन पर पार्टी की राज्य कमिटी ने गहरा शोक व्यक्त किया है और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है. पटना जिला के बिहटा प्रखंड के विशुनपुरा गांव के रहने वाले गोपाल सिंह की मौत 13 जुलाई 2023 को दिल्ली में इलाज के दौरान हो गई. वे लीवर की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे. उनका शव दिल्ली से उनके पैतृक गांव विशुनपुरा में आज शाम पहुंचा. उनकी अंतिम विदाई में भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल और पटना जिला सचिव अमर सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए.
भाकपा-माले ने अपने शोक संदेश में कहा है कि का. गोपाल सिंह ने बालू माफियाओं द्वारा जेसीबी से बालू निकासी से बेरोजगार हो रहे मजदूरों को लेकर अनेक जुझारू आंदोलनों को खड़ा किया. उनके नेतृत्व में चले आंदोलन के दबाव में सरकार को दिन में जेसीबी से बालू निकासी पर रोक की नीति बनानी पड़ी. बाद में राज्य स्तर पर बालू मजदूरों को संगठित करने का प्रयास किया गया और बालू मजदूरों का राज्य स्तरीय संगठन खड़ा किया गया जिसके वे राज्य सचिव बनाए गए. उन्होंने किसान महासभा और ट्रेड यूनियन मोर्चे पर भी काम किया और पटना जिला के नेता के बतौर उभरकर सामने आए. मनेर विधान सभा क्षेत्र से माले के उम्मीदवार के बतौर चुनाव भी लड़ा.
2002 में वे भाकपा-माले की बिहटा-मनेर एरिया कमिटी से जुड़े और पार्टी कार्यकर्ता के बतौर काम करना शुरू किया. वे पार्टी की पटना जिला कमिटी के सदस्य भी रहे. बहुत ही मिलनसार और हंसमुख प्रकृति के गोपाल सिंह सहज ही कार्यकर्ताओं व जनता के बीच वे घुलमिल जाते थे. बिहटा-सरमेरा फोर लेन की गलत योजना के खिलाफ भी उन्होंने लंबा आंदोलन चलाया.
का. गोपाल सिंह एक स्थापित संस्कृतिकर्मी थे. उन्होंने एनएसडी से अभिनय का प्रशिक्षण लिया था. वे कुशल कत्थक नर्तक भी थे. पटना में आयोजित भगत सिंह की जीवनी पर आधारित नाटक में उन्होंने भगत सिंह के पिता की भूमिका निभाई थी.
उनके निधन से भाकपा-माले ने एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी नेता को खो दिया है. पार्टी राज्य कमिटी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की.