– पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर ही की गई संवेदनशील बूथों की पहचान
कोलकाता : राज्य में संपन्न हुए पंचायत चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस को रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर ही संवेदनशील बूथों की पहचान की गई थी। 4834 संवेदनशील बूथों पर केंद्रीय बल व राज्य सशस्त्र पुलिस तैनात की गई थी। पत्र में कहा गया है कि बहुत से लोगों ने चाहा था कि मतदान के बाद भी संवेदनशील इलाके में केंद्रीय बल तैनात रहें। इसी के आधार पर राज्य चुनाव आयुक्त ने तय किया कि मतदान के बाद भी 10 दिनों तक केंद्रीय बल मौजूद रहेंगे।
राज्य चुनाव आयुक्त ने यह भी बताया है कि मतदान के दिन राजभवन से करीब 2 हजार शिकायतें उनके दफ्तर में भेजी गई थी। चुनाव आयुक्त ने कहा कि इन शिकायतों के आधार पर कदम उठाए गए। इसके अलावा विभिन्न राजनीतिक दलों व मीडिया के माध्यम से चुनाव आयुक्त के पास 711 शिकायतें आई थीं। आयोग ने पत्र में लिखा है कि प्रत्येक शिकायतों का निपटारा किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि आयोग के केंद्रीय पोर्टल व जिलाधिकारियों के पास आए शिकायतों पर भी पर्याप्त कदम उठाए गए थे। इसके अलावा राज्य चुनाव आयोग ने दावा किया है कि मतगणना शांतिपूर्ण रही। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि कई जगह मतगणना केंद्रों के बाहर जमा भीड़ को छोड़कर अव्यवस्था की कोई खबर नहीं मिली। उपद्रवियों या मतगणना केंद्र के बाहर संदिग्ध रूप से घूम रहे लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
रिपोर्ट में राजीव सिन्हा ने दावा किया कि 2018 के पंचायत चुनाव की तुलना में इस साल 42 फीसदी ज्यादा नामांकन जमा हुए हैं। इस बार के पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों की संख्या भी पिछले चुनाव की तुलना में काफी बढ़ गयी है। जहां 2018 के पंचायत चुनावों में 1 लाख 15 हजार उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, वहीं हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में 2 लाख 6 हजार उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। हालांकि, राजभवन सूत्रों के मुताबिक, राज्यपाल आयोग द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं।