पटना – अल्पसंख्यक अधिकार मंच की बैठक में *सीपीआईएम के राज्य सचिव मंडल सदस्य अहमद अली* ने अल्पसंख्यक मोर्चे पर कार्यरत कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार पर जब से भाजपा काबिज हुई है तब से देश में अल्पसंख्यकों के हक अधिकार पर लगातार हमले हो रहे हैं।सबका साथ और सबका विश्वास एक शब्द बाग के सिवा और कुछ नहीं है। इस नारे की कलई उसी दिन खुल गई जब मौजुदा बजट में सरकार ने अल्पसंख्यक उत्थान के लिये निर्धारित राशि में 38% की कटौती कर दी और एम ए एन एफ को समाप्त कर अल्पसंख्यक बच्चों के उच्च शिक्षा प्राप्ति पर ग्रहण लगा दिया। पिछले 9 वर्षों में अल्पसंख्यकों के बीच शिक्षा का ग्राफ तेजी से गिरा है। देश में महौल ऐसा बना दिया गया है कि आज मुस्लिम और इसाई दबाव में जी रहे हैं। वर्तमान यूसीसी के मध्यम से फिर एक बार मुसलमानों को ही लक्ष्य कर वोट के ध्रुवीकरण का लक्ष्य हासिल करने की साजिश की जा रही है। बैठक की अध्यक्षता सत्तार अंसारी ने किया। प्रतिवेदन पर बहस के दौरान 14 जिला नेताओं ने अपने विचार रखे। सभी ने एक स्वर से अल्पसंख्यकों की बेहतरी के लिए सच्चर समिति और रंगनाथ मिश्र आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करने की वकालत किया। विगत रामनवमी के अवसर पर नालंदा और सासाराम में हुई दंगों में आरएसएस और बजरंग दल को दोषी ठहराते हुए वक्ताओं ने उसमें संलिप्त दोषियों को सजा देने की माँग भी उठाई गयी। वक्ताओं ने इस ओर भी ध्यान खींचा कि 2024 के आम चुनाव के मद्दे नजर बिहार में सांप्रदायिक शक्तियां सक्रिय हो गई हैं अतः हर जगह सतर्क रहने की जरुरत है।कहीं भी मौके वारदात पर पुलिस की उदासीनता भी चिंताजनक है। इस कामजोरी पर राज्य सरकार को आगाह करते हुए वैसे पुलिस पदाधिकारियों पर कार्वाई की माँग दुहराई गई। राज्य के स्कूलों में खाली पड़े उर्दू शिक्षकों की बहाली, मुस्लिम ओबीसी श्रेणी के छात्रों का आरक्षण, मदरसों में आधुनिक एवं तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था, एम ए एन एफ की पुन: बहाली, अल्पसंख्यक बजट में 38% कटौती की वापसी, सच्चर समिति की सिफरिशों के आलोक में आरक्षण की व्यवस्था की मांग प्रमुखता से उठाई गई।
सर्वसम्मत यह फैसला लिया गया कि प्रत्येक जिला में अल्पसंख्यक अधिकार मंच का गठन अगस्त तक कर लिया जाय और सितम्बर में राजधानी पटना में एक राज्यस्तरीय कन्वेशन का आयोजन किया जायेगा
अंत में सीपीआईएम राज्य सचिव ललन चौधरी, अरुण मिश्रा ने आगंतुक सहभागियों को धन्यवाद दिया एवं आश्वस्त किया कि अल्पसंख्यकों की हर जनतांत्रिक आन्दोलन के साथ हमारी संगठन खडी़ रहेगी ।
बैठक में मुख्य रूप डॉ एहसान ताबिश, शमीम अहमद, सुलतान, अंसारी, डॉ आसिफ अली, महबूब अंसारी, इम्तियाज अली, अख्तर हुसैन, इमाम हुसैन, मुरसिद आलम आदि ने अपने विचार रखे!
अल्पसंख्यकों के हक-अधिकार पर राज्य स्तरीय कन्वेंशन सितंबर में आयोजित करने का अल्पसंख्यक अधिकार मंच की बैठक में फैसला
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