By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept

Lahak Digital

News for nation

  • Home
  • Lahak Patrika
  • Contact
  • Account
  • Politics
  • Literature
  • International
  • Media
Search
  • Advertise
© 2023 Lahak Digital | Designed By DGTroX Media
Reading: अशोक शुभदर्शी की कविताएं
Share
Sign In
0

No products in the cart.

Notification Show More
Latest News
अजित कुमार राय की कविताएं
Literature
कन्नड़ संस्कृति की गरिमा विदेशों में – “कन्नड़ कहले” कार्यक्रम!!
Entertainment
*दिल, दोस्ती और फाइनेंस: डिजिटल स्क्रीन पर दोस्ती और सपनों की कहानी*
Entertainment
मिनिएचर्स ड्रामा और फोर ब्रदर्स फिल्म्स प्रस्तुत करते हैं दिल दोस्ती फाइनेंस
Entertainment
मंडला मर्डर्स समीक्षा: गजब का थ्रिलर और शरत सोनू का दमदार अभिनय
Entertainment
Aa

Lahak Digital

News for nation

0
Aa
  • Literature
  • Business
  • Politics
  • Entertainment
  • Science
  • Technology
  • International News
  • Media
Search
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Advertise
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Lahak Digital > Blog > Literature > अशोक शुभदर्शी की कविताएं
Literature

अशोक शुभदर्शी की कविताएं

admin
Last updated: 2024/07/25 at 1:17 PM
admin
Share
7 Min Read
SHARE

दर्द

चुप नहीं रहा समाज
देखकर उसकी विक्षिप्तता
उसके सोच- व्यवहार में आई कमी को

Contents
दर्दरोशनीप्रेमरंग युद्ध में मारा गया एक बच्चा (फिलिस्तीन में चल रहे युद्ध के संदर्भ में)मानसून यहां भी आया हैविषवृक्ष

यह जो दिख रही थी उसकी सक्रियता- सी
यह उसकी महत्वाकांक्षा नहीं थी
यह उसमें आया अनावश्यक पिछड़ापन था

उसे दंडित किया
सहा नहीं
क्षमादान नहीं किया
उसके उट-पुटांग कार्यों पर समाज ने

समाज के पास न समय था
न धैर्य न कोई तरीका
उसके असंतुलन के उपचार का

समाज भूला गया उसका संघर्ष
उसकी उपलब्धियां सारी
और लग गया उसकी खिल्ली उड़ाने में
उसी की चर्चा में थोड़ा क्रूर होकर

उसपर पत्थर फेंके
थूके
गालियां दीं भद्दी-भद्दी
छेड़ा तरह तरह से
ताने मारे
और उसे पीटा भी

उसके पीछे पड़कर
सबने मनोरंजन किया अपना

उसके सम्मान की कोई बात नहीं थी

इतना किया जा सकता था
उसे छोड़ा जा सकता था
उसकी जगह उसके हाल पर।

रोशनी

हम जिस गली- कूचे में रहते हैं
अक्सर यहां रोशनी नहीं आती है

आती भी है तो आने जैसी नहीं आती
आती है और चली जाती है

कभी जो ठहरने लगे यह रोशनी
तो हम भाग जाते हैं
अंधेरे कक्ष में

हमें आदत पड़ गई है जीने की
अंधेरे में
हम जीते हैं मानकर रोशनी
अपने अंधेरे को

वह अपनी रोशनी जो दिखती है
पराई- सी
बहुत खलती है हमें

हम सच से डरते हैं
और जीते हैं झूठ की दबंगई में

ऐसा नहीं है कि
हम दीप नहीं जलाते हैं
पटाखे नहीं फोड़ते हैं
रोशनी की तरफ जाने के लिए
हम मिसाइल भी छोड़ते हैं

मगर यह सब
और बढ़ा देता है अंधेरे को
कम नहीं करता है

हमें खूब आता है गुम हो जाना
अपने ही उगाए
एक भयानक शोर में।

प्रेम

प्रेम को छोड़ दिया गया है
दिल के भरोसे
दिल कभी जीतता है
छोटी सी दुनिया प्रेम की
कभी हार जाता है

कभी युद्ध नहीं हुआ प्रेम के लिए
नफरत के लिए होते रहे हैं
बड़े-बड़े युद्ध

प्रेम की बाढ़ नहीं आती
नफरत की आती है सुनामी भी

नफरत उजाड़ती रही है
दुनिया को बार-बार

प्रेम बचाने के लिए नहीं बनाया गया
कोई परमाणु बम
नफरत बढ़ाने के लिए
कितने ही

फूल मुरझा जाते हैं खिलकर
कांटे नहीं
टीसती रहती है चुभन
कांटे की देर तक

वह अमृत बूंद नहीं मिलती
जिसे रखकर होंठ पर
अमर हो जाए कोई

जहर मिलता है बाजार में
व्यर्थ नहीं जाता है
जिसका असर कभी।

रंग

रंग बिखेरे थे उसने
बहुत से
पर सब फीके, धब्बों से दीखते थे
गहरा, चटक कोई नहीं

खुद उसका मन नहीं रंगा था गहरे रंग से
तो वह क्या रंग सकता था
किसी और को

ना कोई विचार था उसके पास
ना कोई खास समझ

सिर्फ चालाकी दिखाई थी उसने
रंग बिखेरने में

अलसाया, उदास, कर्तव्य विमुख
दिशाहीन रहा था
भीतर से वह

बाहर से उसने दिखायी थी
खूब गर्जना-तर्जना

वह निपटता रहा था
सिसकियों से
झकोरों से

जब तूफान आया
तो धुल गये थे
उसके बिखेरे सभी
फीके, दाग-धब्बों से रंग।

 युद्ध में मारा गया एक बच्चा
(फिलिस्तीन में चल रहे युद्ध के संदर्भ में)

मैं युद्ध में मारा गया एक बच्चा हूं
मैं नहीं जानता था
कि कोई युद्ध चल रहा है

मैं निकल रहा था घर से गेंद खेलने
और बच्चों के साथ
एक गोला आया
गिरा हमारे ऊपर
मैं लहूलुहान होकर चूर हो गया
मर गया

मेरे साथ चल रहे बच्चे मारे गए
मेरे मां-बाप
भाई-बहन
पड़ोसी भी मारे गये
सब मारे गए

अब कोई गाड़ी लेकर आएगा
हमें दफना देगा दूर ले जाकर
वह आंसू नहीं बहाएगा हमारे लिए
वह करेगा यह सब
एक काम की तरह

अब मुझे कोई याद नहीं करेगा
अब मैं सपना नहीं हूं किसी का
अपने देश का भविष्य नहीं हूं

मेरी मृत्यु एक समाचार भर है
मेरा कभी नाम नहीं लिया जाएगा
मेरी मृत्यु व्यर्थ चली गई है।

मानसून यहां भी आया है

मानसून यहां भी आया है
और पूरी रफ्तार से आया है यहां मानसून

कहा तो किसी ने
तीन गुनी रफ्तार से आया है मानसून
इस बार देश में

यह मानसून उसी तरह से आया है देश में
जैसे देश की सरकार आती है
सरकार होती है पूरे देश की
मगर वह नहीं बरसती पूरे देश में
एक समान

कहीं खूब बरसती है
कहीं बिल्कुल नहीं

बरसती है
मुंबई कोलकाता दिल्ली चेन्नई में
मथुरा काशी अयोध्या कश्मीर में
और बरसती रह जाती है वहीं

वैसे ही
जहां मन होता है
यह मानसून वहां बरसता रहता है
मुसलाधार

यहां धूप बरस रही है
तीन गुनी रफ्तार से

यह विदर्भ नहीं है
लेकिन मानसून बरसता है यहां
विदर्भ में बरसने की तरह
झूठ बरसने की तरह।

विषवृक्ष

यह एक विषवृक्ष है
खूब बड़ा हो रहा है
खूब फैल रहा है
खूब हरा- भरा है

फल- फूल नहीं लगते
इस वृक्ष में
कभी लगता है फूल तो
नहीं होती इसमें कोई सुगंध

फल आता है तो बहुत जहरीला
किसी के किसी काम का नहीं
कोई चख नहीं पाता

आत्महत्या करनी होती जिसे
वह इसे खाता है मजे से

जो आते हैं आश्रय के लिए
इसकी छांव में
भूले- भटके
या कोई खिंचा चला आता है
इसके रंगीन आकर्षण में
उसे निगल जाता है यह वृक्ष

फिर पता नहीं चलता
उसके अस्तित्व का

इस वृक्ष की शाखा, टहनी, पत्ते
सभी खूंखार

दूसरे वृक्ष की छांव में रहने वाले हों
या उस तरफ से गुजरने वाला कोई राही
उसे झपट्टा मारकर दबोचता
और फिर लील जाता है यह वृक्ष

इधर पिछले वर्षों बिखेरे गए
इसके अनगिनत बीज चारों तरफ
जो अब उगते जा रहे हैं
बड़े शान से।

———-

अशोक शुभदर्शी, जमशेदपुर, झारखंड।

You Might Also Like

अजित कुमार राय की कविताएं

रुचि बहुगुणा उनियाल की कविताएं

वरिष्ठ कवि और दोहाकार डॉ सुरेन्द्र सिंह रावत द्वारा संकलित व सम्पादित सांझा काव्य संग्रह ‘काव्यान्जली 2024’ का लोकार्पण हुआ*

राकेश भारतीय की कविताएं

सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं की बौद्धिक एवं सांस्कृतिक संस्था “मेधा साहित्यिक मंच” ने किया “कविता की एक शाम” का आयोजन हुआ,

Sign Up For Daily Newsletter

Be keep up! Get the latest breaking news delivered straight to your inbox.
[mc4wp_form]
By signing up, you agree to our Terms of Use and acknowledge the data practices in our Privacy Policy. You may unsubscribe at any time.
admin July 25, 2024
Share this Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Share
Previous Article युवा कवि गोलेन्द्र पटेल की छह कविताएँ
Next Article हरिशंकर परसाई के विशेष संदर्भ में कांतिकुमार जैन के संस्मरण
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay Connected

235.3k Followers Like
69.1k Followers Follow
11.6k Followers Pin
56.4k Followers Follow
136k Subscribers Subscribe
4.4k Followers Follow
- Advertisement -
Ad imageAd image

Latest News

अजित कुमार राय की कविताएं
Literature November 21, 2025
कन्नड़ संस्कृति की गरिमा विदेशों में – “कन्नड़ कहले” कार्यक्रम!!
Entertainment September 1, 2025
*दिल, दोस्ती और फाइनेंस: डिजिटल स्क्रीन पर दोस्ती और सपनों की कहानी*
Entertainment August 16, 2025
मिनिएचर्स ड्रामा और फोर ब्रदर्स फिल्म्स प्रस्तुत करते हैं दिल दोस्ती फाइनेंस
Entertainment August 7, 2025
//

We influence 20 million users and is the number one business and technology news network on the planet

Sign Up for Our Newsletter

Subscribe to our newsletter to get our newest articles instantly!

[mc4wp_form id=”847″]

Follow US

©Lahak Digital | Designed By DGTroX Media

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Register Lost your password?