*राजू बोहरा / नई दिल्ली*
अभिनेत्री कुसुम चौहान किसी खास परिचय की मौहताज नहीं हैं। उनका नाम पहले लोग बतौर फिल्म, धारावाहिक, और थियेटर अभिनेत्री के रूप में जानते थे। लेकिंग अब वह एक लेखिका के रूप में भी काफी तेजी से अपनी पहचान बना रही हैं क्योंकि उनका पहला हिन्दी काव्य संग्रह ‘दिल के कोने में’ लोगों को खासा पसंद भी आ रहा है।
गौरतलब है अभिनेत्री कुसुम चौहान की रुचि शुरू से ही अभिनय के साथ-साथ लेखन में भी अच्छी खासी रही है उसी का परिणाम है कि उनका पहला काव्य संग्रह ‘दिल के कोने में’ साल भर पहले आया जिसका विमोचन पिछले साल ही भारत सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री, वर्तमान में लोकसभा सांसद हरिद्वार, उत्तराखंड के पूर्व सीएम और देश के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रमेश पोखरियाल “निशंक” ने किया था।
नई लेखिका होने के बावजूद कुसुम चौहान ने प्रथम काव्य संग्रह में हर विषय की कविताओं को रचा है जो महिला सशक्तिकरण पर भी जोर देती है। अपनी पहली पुस्तक में ही उन्होंने नारी के मन की भावनाओं और संवेदनाओं को बहुत ही सुंदर तरीके से अभिव्यक्ति दी है। इसमें छोटी-छोटी किन्तु सारगर्भित क्षणिकाओं के माध्यम से कुसुम चौहान ने दिल के कोने में सुप्त पड़ी भावनाओं को उजागर करके एक बेहतरीन काव्य संग्रह की रचना की है जो लोगों को काफी पसंद आ रहा है। हाल ही में ”ट्रू मीडिया के संपादक ओमप्रकाश प्रजापति ने उनका एक विशेष साक्षात्कार किया है जो खासा पॉपुलर हो रहा है। इस बातचीत को आप भी ट्रू मीडिया के यूट्यूब चैनल पर देख सकते हैं।
लेखिका एवं अभिनेत्री कुसुम चौहान ने बताया कि उनका यह प्रथम काव्य संग्रह ‘दिल के कोने में’ अमेज़न पर उपलब्ध है जिसे काफी पाठको ने ऑनलाइन ऑडर करके खरीदा भी है। लेखिका कुसुम चौहान एक जानी मानी अभिनेत्री है और अनेक उत्तराखंडी भाषाओं की और हिन्दी शार्ट फिल्मो में, धारावाहिको, थिएटर नाटकों और टेली फिल्मो में मुख्य और सहयोगी भूमिकाओ को निभा चुकी हैं। उनकी नई दूसरी पुस्तक भी जल्दी ही प्रकाशित होने वाली है। लेखिका कुसुम चौहान ने अपने, पाठकों, दर्शकों और सभी सहयोगियों का जिन्होंने उन्हें सहयोग और स्पोर्ट किया है उनका आभार व्यक्त किया है।