बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव आज 21 जून को अपने अलग ही अंदाज में दिखे। 23 जून की विपक्षी एकता को लेकर पटना में होने वाली महा बैठक के दो दिन पूर्व इस तरह के बयान को न तो खिसियानी कह सकते हैं न मुलायम। इस तरह के बयान के गहरे संकेत हैं। तेजस्वी यादव ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से मिल कर वापस पटना एयरपोर्ट पहुँचने पर मीडिया से बात की। उन्होंने साफ कहा कि मोदी के चेहरे या किसी एक व्यक्ति को लेकर यह बैठक ही नहीं हो रही है। 2024 का चुनाव जनता का चुनाव है। जनता तय करेगी कि किसे सत्ता देगी। देश में समस्याएं गम्भीर हैं। महंगाई से लेकर तमाम तरह की दिक्कतें हैं जिनसे जनता त्रस्त है। अब जनता को ही तय करना है। कोई अमृत पी कर तो आया नहीं है यानि कोई सदा के लिए तो सत्ता में रह नहीं सकता। हम भी सत्ता में थे और जनता के द्वारा हटाए गए।
तेजस्वी यादव ने साफ तौर पर कहा कि 23 जून की विपक्षी बैठक पहली और आखिरी तो है नहीं। यह तो शुरुआत है। सभी दल अपने एजेंडे के साथ आएंगे और अपनी बात रखेंगे। कहीं कोई मतभेद की बात नहीं है। कुछ लोग विपक्षी एकता से घबराकर विरोध में बयान दे रहे हैं। तेजस्वी यादव की तमिलनाडु यात्रा एक तरह से सफल रही। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गैर मौजूदगी में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री स्टालिन ने महत्व दिया और पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि की जयंती के अवसर पर कार्यक्रमों में दोनों जगह-जगह साथ दिखे। तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में स्व. करुणानिधि के किए गए कार्यों को अच्छे से याद किया और उनकी लीगेसी को आज के समय मे जरूरी बताया। यह भी तय माना जा रहा है कि 23 जून को स्टालिन भी पटना आएंगे, जो पहले से तय नहीं लग रहा था।
लहक डिजिटल डेस्क