पटना । पटना साहिब सांसद एवम पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद द्वारा कल जदयू सांसद के पुत्र को एंबुलेंस का ठेका देने में हुई मनमानी का मामला उठाया गया था और जेडीयू की तरफ से सफाई दी गई की इससे मेरा कोई मतलब नहीं है, हां ये सही है की कंपनी मेरे परिवार के लोग का है। यह ठेका किसी भी स्थिति में मेरी वजह से नहीं है
इसी आधार पर आज रविशंकर प्रसाद अपने पटना स्थित आवास पर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा की एंबुलेंस सर्विस चलाई जाती है जिसपर फोन कर के गर्भवती महिला,बच्चे इत्यादि को अस्पताल पहुंचाने पर सेवा दी जाती है। उस एंबुलेंस में जीवन बचाने वाली दवा होनी चाहिए,उसमे ऑक्सीजन सिलेंडर होना चाहिए और एसी की सुविधा भी होनी चाहिए ताकि जल्द से जल्द गंभीर अवस्था में गरीब रोगी,बच्चे,गर्भवती माताओं सभो को अस्पताल पहुंचाया जाए।
रविशंकर प्रसाद ने कहा की एक कंपनी है पशुपति नाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड जो जेडीयू के जहानाबाद के एमपी चंदेश्वर चंद्रवंशी के बेटे की कंपनी है। इस कंपनी को पहले पांच साल के लिए टेंडर दिया गया था इस बार दोबारा पांच साल के लिए दे दिया गया। सभी नियम प्रकिया की अवहेलना करके और तीन साल तीसरी बार करने का ऑप्शन लगाया गया। जिनको ये टेंडर नही मिला वे लोग कोर्ट गए और मामला कोर्ट में पेंडिंग है। फिर बिहार सरकार ने एडवोकेट जनरल की राय की अनुशंसा के आलोक में उनको दे दिया और कहा गया की ये लोवेस्ट फीडर है।
रविशंकर प्रसाद ने बताया की जहा तक हमें जानकारी मिली है ये पूरे आवश्यकताओं को सीमित किया गया है। और आपके पास इतना कॉल सेंटर होना चाहिए,एंबुलेंस चलाने का अनुभव होना चाहिए। दिल्ली अखबार इंडियन एक्सप्रेस के रिपोर्ट के अनुसार एक चौकाने वाली खबर एवं चिंताजनक विषय सामने आई की बिहार सरकार की स्वास्थ्य सेवा के द्वारा कोविड काल में जदयू के एमपी के बेटे के इस एंबुलेंस चलाने वाली कंपनी की ऑडिट की गई और ऑडिट रिपोर्ट में पाई गई की एंबुलेंस में मेडिसिन एक्सपायरी थी, एसी काम नही कर रही थी और ऑक्सीजन सिलेंडर खाली थी। और ये मामला तब की है जब देश और बिहार कोविड के चपेट में था जहा हर लोगो को एंबुलेंस की जरूरत अधिक थी । ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार 4 अक्टूबर 2019 को मुंगेर,भागलपुर में सात एंबुलेंस में गड़बड़ी पाई गई थी जिसमे Expired Medicine, Micro Drip ये सब एंबुलेंस में पाया गया। 13 फरवरी 2020 को सात एंबुलेंस वैशाली,मुजफ्फरपुर,नालंदा और नवादा में इंस्पेक्ट किया गया जिसमें एसी नही थी और इसमें भी मेडिसिन एक्सपायरी थी। 6 जुलाई 2020 को 14 एंबुलेंस इंस्पेक्ट किया गया जहां वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर,सुपौल और दरभंगा में भी ऑडिट किया गया और यहां भी इसी तरह की गड़बड़ियां पाई गई।
बक्सर,अरवल और भोजपुर समेत कही जिलों में ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार कही एंबुलेंस में जो सुविधा होनी चाहिए वो सभी सुविधाओं के साथ खिलवाड़ किया गया। यहां तक कि जिस एमपी के बेटे की कंपनी है उसके पिताजी के संसदीय क्षेत्र जहानाबाद में भी ऑडिट के अनुसार स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ खिलवाड़ कर बिहार की जनता के स्वास्थ्य के साथ मजाक किया गया।
रविशंकर प्रसाद ने बताया की स्टेट हेल्थ सोसायटी ऑफ बिहार जो डायल 102 को मॉनिटर करती है जिसमे पाया गया की नालंदा मेडिकल अस्पताल का जो 5 एंबुलेंस था जो कोविड काल में डेडिकेट किया गया था उस एंबुलेंस का भी यही हाल था। श्री प्रसाद ने पत्रकारों के माध्यम से नीतीश कुमार से सवाल करते हुए कहा की यदि यह सिस्टम इतना केयरलेस था की जनता के जीवन के साथ खिलवाड़ करते थे जो एक्सपायरी मेडिसिन एंबुलेंस में रखते थे,जहां ऑक्सीजन सिलेंडर खाली थी। उस इंस्पेक्शन रिपोर्ट को दरकिनार करके आपने ये टेंडर अपने पार्टी के एमपी के बेटे को देकर बिहार की जनता के जीवन से खिलवाड़ क्यों किया इसका जवाब आपको देना पड़ेगा।