– जयनारायण प्रसाद
‘एक जीनियस फिल्मकार : सत्यजित राय’ पत्रकार और लेखक जयनारायण प्रसाद की पहली किंतु महत्वपूर्ण किताब है, जो दिल्ली के ‘लोकमित्र’ प्रकाशन से आई है। विश्व सिनेमा के महान फिल्मकार एवं ऑस्कर विजेता सत्यजित राय की जन्मशती अभी-अभी खत्म हुई है। भारतीय सिनेमा के जीनियस पर इस तरह की किताब का आना सुखद है, क्योंकि सत्यजित राय पर हिंदी में बहुत ही कम किताबें उपलब्ध हैं। यह किताब अपनी सीमाओं के बावजूद सत्यजित राय के जीवन एवं फिल्मों पर ढ़ेर सारी जानकारी एवं सूचनाएं हमें उपलब्ध कराती हैं। यूँ भी कहा जा सकता है कि यह किताब एक पत्रकार की नजर से सत्यजित राय को देखने की कोशिश है। पथेर पांचाली, अपराजितो और अपूर संसार (अपू त्रयी) से राय की शुरू हुई यात्रा आगे चलकर देवी, चारुलता, नायक, गुपी गाइन बाघा बाइन, अरण्येर दिन रात्रि, अशनि संकेत, सोनार केल्ला, शतरंज के खिलाड़ी, सद्गति, हीरक राजार देशे जैसी बहुप्रशंसित एवं चर्चित फिल्मों के साथ लगातार आगे बढ़ती रही। भारतीय सिनेमा जगत में सत्यजित राय की फिल्मों ने क्रांतिकारी बदलाव किए एवं अमिट छाप छोड़ी है। यह किताब सत्यजित राय के प्रभाव से भारतीय सिनेमा में आए उन बदलावों को भी रेखांकित करती है – साथ ही बदलाव की इस प्रक्रिया से जुड़े छोटे-छोटे तथ्य भी हमें उपलब्ध कराती है। सिनेमा के विद्यार्थियों एवं सिनेमा प्रेमियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण और संग्रहणीय किताब है।
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*सिनेमा के जानकार, कोलकाता के जाने-माने पत्रकार।*