9 साल बेमिसाल पर हुई भाजपा महिला मोर्चा की टिफिन बैठक
पटना, 1 जुलाई । भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा के द्वारा मोर्चा के अध्यक्ष लाजवंती झा की अध्यक्षता में आज अटल बिहारी सभागार में टिफिन बैठक का आयोजन किया गया।…
बिहार भाजपा 13 जुलाई को करेगी विधानसभा मार्च, सरकार से 10 लाख लोगों को रोजगार देने के मामले पर मांगेगी जवाब : सम्राट चौधरी
नीतीश के पास से जनता जा चुकी है, उन्हें अब एमएलए जाने का सता रहा डर : सम्राट चौधरी चरवाहा विद्यालय वालों को शिक्षकों का अपमान नहीं करने देंगे :…
2024 में बिहार की 40 की 40 सीटों पर फहराएगा महागठबंधन का विजय पताका : ललन सर्राफ
*नीतीश कुमार ने बिहार का किया कायाकल्प: सुनील कुमार *फर्जी है भाजपा का राष्ट्रवाद का नारा : नीरज कुमार 01 जुलाई 2023 बापू की कर्मभूमि चंपारण (मोतिहारी) से जदयू व्यावसायिक…
विष्णु खरे को याद करते हुए : गोवर्धन यादव (उपन्यासकार)
- गोवर्धन यादव विष्णु खरे ( 09-02-1940 - 19-09-2018) एक भारतीय कवि, अनुवादक, साहित्यकार तथा फ़िल्म समीक्षक, पत्रकार व पटकथा लेखक विष्णु खरे को याद करते हुए. -------------------------------------------------------------------- एक अनन्य…
सिनेमा के जीनियस : फिल्मकार सत्यजित राय
- जयनारायण प्रसाद 'एक जीनियस फिल्मकार : सत्यजित राय' पत्रकार और लेखक जयनारायण प्रसाद की पहली किंतु महत्वपूर्ण किताब है, जो दिल्ली के 'लोकमित्र' प्रकाशन से आई है। विश्व सिनेमा…
कहानी : पीर का पर्वत : संजय कुमार सिंह
बाजार से चले गिरधारी बाबू तो बूंदाबांदी शुरु हो गयी थी। वे बंगाली बाबू डाॅक्टर से बुखार का टेबलेट और खाँसी का सिरप लेकर जल्दी-जल्दी घर की ओर झपट रहे…
पुतिन और यूक्रेन-संकट : एक पुनरावलोकन : कमलाकांत त्रिपाठी
भारत का दृश्य मीडिया एक अर्से से चिल्ला-चिल्लाकर रूस द्वारा परमाणु / नाभिकीय हमले और तृतीय विश्वयुद्ध की आसन्न संभावना की घोषणा कर रहा है। स्वर में ऐसी उत्साहपूर्ण सनसनी…
सुरेश पांडेय की कविताएं
यादों का मेला यह यादों का मेला देखो कितने लोग चले आये हैंं कोई इतना पास खड़ा है जीवन भर जो साथ हाल है । आज अकेले हम चलते हैं…
डॉ. कामाख्या नारायण सिंह की कविताएं
प्रेम की उम्मीद मर्म से, स्नेह में, आजीवन संग-साथ निभाने में की जा सकती है, प्रेम दया या भीख में दी जाने वाली वस्तु नहीं हो सकती। प्रेम में पड़…
हिमकर श्याम की ग़ज़लें
ग़ज़ल -1 राह मुश्किल सही, हौसला कीजिए। क्या किसी का यहाँ आसरा कीजिए। धर्म क्या, जात क्या देखिए ख़ूबियाँ, फ़र्क़ अच्छे- बुरे में किया कीजिए। ज़िन्दगी मुख़्तसर ख़्वाहिशें हैं बहुत,…