-इस बार भी शिक्षा विभाग से चर्चा किए बगैर उठाया कदम
कोलकाता : राज्यपाल सीवी आनंद बोस बारी-बारी से राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति करते ही जा रहे हैं। और इसको लेकर राज्य सरकार बनाम राज्यपाल के संपर्क में खाई बढ़ती जा रही है। हालांकि, राज्यपाल के इस कदम को सिर्फ देखने के सिवा राज्य सरकार के पास कोई विकल्प नहीं है। कारण, अदालत ने राज्यपाल द्वारा कुलपतियों की नियुक्ति को वैध बताया है। इसी क्रम में राज्यपाल ने दक्षिण दिनाजपुर विश्वविद्यालय के अंतरिम कुलपति की नियुक्ति की है। इस पद पर देवव्रत बोस को नियुक्त किया गया है।
इधऱ, सूत्रों ने बताया कि इस बार भी राज्य के शिक्षा विभाग से चर्चा किए बगैर ही राज्यपाल ने यह कदम उठाया है। लेकिन यहां पर शिक्षा विभाग की सर्च कमेटी को लेकर सवाल उठ रहा है, क्योंकि सर्च कमेटी के माध्यम से ही शिक्षा विभाग कुलपतियों की सूची भेजता है। वहां से राज्यपाल की मुहर लगती है। लेकिन अभी यह सब अतीत की बातें हो गई हैं। अभी तो राज्यपाल जिसको ठीक समझते हैं उनको ही कुलपति नियुक्त कर देते हैं। इसमें पूर्व जज भी शामिल हैं। इसको लेकर काफी विवाद भी हुआ है। बता दें कि दो दिन पहले ही राज्यपाल ने राज्य तकनीकी विश्वविद्यालय (मकाउट) के अंतरिम कुलपति की नियुक्ति की थी। इस पद पर जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को लाया गया। अब राज्यपाल ने दक्षिण दिनाजपुर विश्वविद्यालय के अंतरिम कुलपति की नियुक्ति की है।
[16/07, 20:47] Ramasis. Jansata: वैचारिक प्रतिबद्धता की मिसाल, क्रांतिकारी एवं हँसमुख व्यक्तित्व की प्रखर वक्ता थीं प्रो. रेखा सिंह
कोलकाता : सेठ आनंदराम जयपुरिया कॉलेज की दिवंगत प्राध्यापिका प्रो. रेखा सिंह की स्मृति में उनके मित्रों, सहकर्मियों एवं विद्यार्थियों द्वारा महाजाति सदन एनेक्सी में बीते शनिवार को स्मरण सभा का आयोजन किया गया । इस मौके पर प्रदीप सिंह ने अपने शोक प्रस्ताव में उनके बहुआयामी व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए प्रो. रेखा सिंह को श्रद्धांजलि दी। उन्हें याद करते हुए महानगर के शिक्षाविदों, साहित्यकारों एवं विद्यार्थियों ने अपनी स्मृतियाँ साझा की। डॉ. शम्भुनाथ ने प्रो. रेखा सिंह को हँसमुख एवं सरल व्यक्तित्व का बताते हुए कहा कि वह प्रखर वक्ता थीं और उनमें वैचारिक प्रतिबद्धता थी। डॉ. चन्द्रकला पांडेय ने अपनी शिष्या को स्मरण करते हुए कहा कि रेखा सिंह ने हजारों छात्राओं में अपनी प्रतिभा के बीज रोप दिये हैं। डॉ. कमलेश जैन ने उनको जुझारू एवं कर्मठ व्यक्तित्व का बताया। प्रो. हितेन्द्र पटेल ने कहा कि राजनीति में सक्रिय प्रो. रेखा सिंह ने हिन्दीभाषी लड़कियों की पारम्परिक छवि को तोड़ा। बाबू लाल शर्मा ने कहा कि उनमें दूसरों का सहयोग करने की भावना थी। मृत्युंजय श्रीवास्तव ने कहा कि रेखा सिंह की अपने विषय पर गहरी पकड़ थी। डा आशुतोष ने उनकी जिंदादिली की तारीफ की। डॉ. इतु सिंह ने दुष्यंत की कविता के साथ उनको याद किया । स्मरण सभा में प्रो. रेखा सिंह के सहकर्मी सूरज साव ने उनके क्रांतिकारी व्यक्तित्व को याद किया। प्रदीप जीवराजका ने उनकी संगठन क्षमता को याद किया। चैताली ब्रह्म ने रवीन्द्रनाथ की कविता के माध्यम से उन्हें नमन किया। इस अवसर पर रामनिवास द्विवेदी, प्रो. संजय जायसवाल, प्रो. सत्यप्रकाश तिवारी, प्रो. अल्पना नायक, ऋतेश पांडेय, आदित्य गिरी, मधु सिंह समेत कई अन्य लोगों ने अपनी स्मृतियाँ साझा कीं। अलका सरावगी, प्रो. अमरनाथ, प्रो. विभा समेत कई लोगों के शोक संदेशों का पाठ भी किया गया। कुसुम जैन ने अपनी कविता के माध्यम से उन्हें नमन किया। स्मरण सभा का संचालन तान्या चतुर्वेदी ने किया और उनकी सहायता की, मधु सिंह ने। इस अवसर पर प्रो. सिंह की छात्राओं ने उनकी प्रिय कविताओं का पाठ किया एवं गीत प्रस्तुत किये । डॉ. गीता दूबे ने कहा कि रेखा सिंह हमारे बीच हमेशा मौजूद रहेंगी। उन्होंने पूरे साहस और जीवंतता के साथ अपना जीवन जीया। इस अवसर पर रेखा सिंह के परिवार के लोगों के साथ भारी संख्या में उनके शुभचिंतक उपस्थित थे।
[16/07, 20:47] Ramasis. Jansata: केंद्र ने दिया नया फरमान
-पीएमजीएसवाई के तहत गांव की सड़कें बनाने के लिए लेनी होगी सांसदों की अनुमति
-राज्य सरकार ने जताई कड़ी आपत्ति
कोलकाता : केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत गांवों की ओर बनने वाली सभी पक्की सड़कों के लिए योजना से लेकर उद्घाटन तक हर चरण में सांसदों की अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने हाल ही में राज्य को लिखा है कि इस नियम का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। पश्चिम बंगाल सरकार ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।
मालूम हो कि विभिन्न मुद्दों के बाद कई लोगों की शिकायत है कि केंद्र इस बार भी राज्य की जासूसी करा रहा है। मामले पर राजनीतिक दबाव शुरू हो गया है। जिसके मुताबिक, 100 दिनों के काम के बाद मिड डे मील प्रोजेक्ट में केंद्र की भूमिका पर एक बार फिर चर्चा की गई है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना योजना में राज्य की हिस्सेदारी है। नवान्न के अनुसार, केंद्र राज्य से परामर्श किए बिना एकतरफा निर्णय नहीं ले सकता। इसके अलावा, सांसद केवल जनता के प्रतिनिधि नहीं हैं। ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए क्षेत्र के निर्वाचित विधायकों, ग्राम पंचायतों, पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों की भी राय ली जानी चाहिए।
लेकिन केंद्र के पत्र में सिर्फ सांसदों से मंजूरी लेने को कहा गया है। सरकार का प्रश्न मूलतः इसी बारे में है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमित शुक्ला के हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है कि जिला ग्रामीण सड़क योजना के विकास के लिए सांसदों से अनुमति ली जाये। यदि कोई सड़क ग्राम सड़क योजना परियोजना के तहत बनाई जाती है, तो भी यह तय करने के लिए सांसदों से परामर्श करना होगा कि यह किन क्षेत्रों से होकर गुजरेगी।
किसी विशेष वित्तीय वर्ष में ग्राम सड़क योजना परियोजना के तहत कितनी सड़कें बनाई जाएंगी, इसकी सूची को अंतिम रूप देने के अलावा, एक ‘प्राथमिकता सूची’ बनाई जानी चाहिए और कौन सी सड़कें पहले बनाई जानी चाहिए और कौन सी निर्दिष्ट की जानी चाहिए। केंद्र ने कहा कि इस सूची को बनाने से पहले सांसदों की मंजूरी ली जानी चाहिए। यदि सांसद इस संबंध में कोई सुझाव देते हैं तो उस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
यह भी बताया गया है कि सांसद के प्रस्ताव पर विचार नहीं करने का कारण भी दर्ज किया जाये। इतना ही नहीं, ‘राज्य स्तरीय स्थायी समिति’ यह जांच करेगी कि सांसदों द्वारा दिए गए प्रस्ताव उचित रूप से स्वीकार किए गए हैं या नहीं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत यदि कोई सड़क बनाई जाती है तो उसके उद्घाटन या शिलान्यास समारोह में सांसदों को अनिवार्य रूप से आमंत्रित किया जाना चाहिए।
इस पर तृणमूल नेता तापस राय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा-केंद्र किसी भी कीमत पर राज्य की चुनी हुई सरकार को नियंत्रित करना चाहता है। यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। भारत जैसी संघीय व्यवस्था में केंद्र और राज्यों की समान भूमिका होती है। ऐसे में राज्यों पर केंद्र की यह निगरानी संघीय व्यवस्था के विपरीत है।
हालांकि, बीजेपी सांसद जगन्नाकथ सरकार ने कहा-सांसद भी जनता द्वारा चुने जाते हैं। जनता के प्रति उनकी भी जिम्मेदारी है। सांसदों को यह भी जानना होगा कि जनता के पैसे से बन रही सड़क नियमों का पालन कर रही है या नहीं। हमें केंद्रीय परियोजनाओं के शुभारंभ के लिए भी आमंत्रित नहीं किया जाता क्योंकि हम विपक्षी सांसद हैं। इसलिए केंद्र ने जो फैसला लिया है वह बिल्कुल सही है।
[16/07, 20:47] Ramasis. Jansata: चोर के संदेह में तीन युवकों की सामुहिक पिटाई
एक युवक का सिर मुंडा कर इलाके में घुमाया
पुलिस ने भीड के चंगुल से युवकों को छुडाया
कोलकाता । गोल्फग्रीन में अमानवीयता का चेहरा देखने को मिला। लोगों ने कानून को अपने हाथों में लेकर ही चोर होने के संदेह में तीन युवकों की धुलाई कर दी। इसके बाद एक युवक का सिर मुंडाकर इलाके में घुमाया गया, फिर हाथ पैर बांधकर जमकर पीटा गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने भीड के चंगुल से युवकों को छुडाकर अपनी हिरासत में ले लिया।
सूत्रों के अनुसार रविवार को गोल्फग्रीन में तीन युवकों की संदिग्ध गतिविधियां देख इलाके के लोगों ने उन्हें दबोच लिया। आरोप है कि तीनों युवक चोरीकरने का प्रयास कर रहे थे। इसके बाद भीड ने युवकों की जमकर पिटाई कर दी। एक युवक का सिर मुंडवा कर इलाके में घुमाया गया। हाथ पैर बांधकर उसकी पिटाई की गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने तीनों युवकों को भीड के चंगुल से छुडाकर हिरासत में ले लिया। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ के साथ ही घटना की जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार कानून को हाथ में लेने वालोंके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
[16/07, 20:47] Ramasis. Jansata: महानगर में मल्टी माडल ट्रांसपोर्ट हब बनाने को लेकर
-मुख्य सचिव आज नवान्न में करेंगे बैठक
-धर्मतल्ला बस स्टैंड के विकल्प पर होगी चर्चा
कोलकाता : धर्मतल्ला बस स्टैंड के स्थान पर वैकल्पिक जगह पर मल्टी माडल ट्रांसपोर्ट हब के निर्माण के लिए सोमवार को राज्य के मुख्य सचिव एचके दिव्वेदी नवान्न में बैठक करेंगे। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बैठक में संबंधित सभी पक्षों को हाजिर रहने का निर्देश दिया है।
मालूम हो कि धर्मतल्ला बस स्टैंड के कारण इस इलाके में ट्राफिक जाम व धुआं-प्रदूषण कम करने के लिए पार्किंग की वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए पर्यावरणविद सुभाष दत्त ने हाईकोर्ट में मामला दायर किया था। अभी यह मामला हाईकोर्ट के न्यायाधीश देवांशु बसाक व न्यायाधीश शंपा सरकार की अदालत में विचाराधीन है। इसी परिप्रेक्ष्य में अदालत ने बैठक बुलाने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि बीते 3 जुलाई को धर्मतल्ला बस स्टैंड इलाके में ट्राफिक जाम की समस्या व धुआं से होने वाले प्रदूषण कम करने के काम की रूपरेखा तैयार करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से एक बैठक बुलाई गई थी। उस बैठक में राज्य परिवहन विभाग, राज्य परिवहन निगम, लोक निर्माण विभाग, कोलकाता मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेडव राइट्स के अधिकारी उपस्थित थे। हालांकि, सोमवार को होने वाली बैठक में हाईकोर्ट ने इस मामले के एक और पक्ष सेना को भी हाजिर रहने का निर्देस दिया है। कारण, मैदान इलाका सेना के अधीन है। इसके अलावा पार्किंग की व्यवस्था करने पर वहां की हरियाली व मैदान में रोजाना आने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर सेना की तरफ से अदालत को जानकारी दी गई है। इसीलिए अदालत का मानना है कि सोमवार की बैठक में सेना का उपस्थित रहना महत्वपूर्ण है।
मालूम हो कि बीते 3 जुलाई की बैठक में धर्मतल्ला बस स्टैंड को हटाने के लिए या वैकल्पिक पार्किंग व्यवस्था के लिए सभी पक्षों के साथ बात करके राइट्स को एक ‘रोडमैप’ तैयार के लिए कहा गया था। राइट्स की तरफ से तय किया गया है कि सभी पक्षों के साथ बात की जाएगी। हालांकि, राइट्स कब रोडमैप जमा करेगी, इसकी कोई निर्धारित समय-सीमा का उल्लेख नहीं किया गया है। इसलिए रोडमैप जल्द पेश करने के लिए राइट्स से अनुरोध किया गया है। हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी।
[16/07, 20:47] Ramasis. Jansata: भांगड़ जाने से रोके जाने के खिलाफ नौशाद सिद्दकी जाएंगे हाईकोर्ट
-लगातार दो दिन पुलिस ने आईएसएफ विधायक को प्रवेश करने से रोका
कोलकाता : भांगड़ जाने से बार-बार रोके जाने के खिलाफ आईएसएफ के विधायक नौशाद सिद्दकी ने हाईकोर्ट जाने का फैसला किया है। सिद्दकी को पुलिस ने रविवार को भी भांगड़ जाने से रोक दिया। इससे पहले भी उनको रोका गया था। इसके बारे में उच्च अधिकारियों के बात करने पर भी सिद्दकी को कोई फायदा नहीं हुआ। लिहाजा विधायक ने हाईकोर्ट जाने का फैसला किया। नौशाद ने बताया कि वे सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में मामला दायर करेंगे।
मालूम हो कि पंचायत चुनाव को लेकर दक्षिण 24 परगना का भांगड़ इलाका अशांत हो गया था। मतदान संपन्न हो जाने के बाद भी इस इलाके में बमबाजी व गोलीबारी बंद नहीं हुई है। इसमें कई लोगों की जान भी गई है। बाद में भांगड़ के कुछ निर्धारित इलाके में 144 धारा लागू की गई है। भांगड़ के प्रवेश द्वार पर नाका प्वाइंट किया गया है। किसी को भी संवेदनशील इलाके में प्रवेश करने की इजाजत नहीं है। इस बीच नौशाद सिद्दकी को शुक्रवार के बाद रविवार को भी भांगड़ में प्रवेश करने से पहले विधाननगर के हातिशाला में पुलिस ने जाने से रोका। तब आईएसएफ के विधायक ने कई उच्च पदस्थ अधिकारियों से बात करने का अनुरोध किया। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। पुलिस की तरफ से उनको बार-बार बताया गया कि नई निर्देशिका नहीं मिलने तक उनको (नौशाद सिद्दकी) भांगड़ में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं, सिद्दकी अपने रुख पर कायम थे। शाम तक भी उनको भांगड़ में प्रवेश करने नहीं दिया गया। इसके बाद विधायक नौशाद सिद्दीकी ने कानून का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उन्हें लगातार दो दिनों तक अनैतिक तरीके से हिरासत में रखा गया, जिस तरह से भांगड़ के लोगों को वंचित किया जा रहा है, उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। वह कोर्ट जाएंगे।
इधर, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष का दावा है कि नौशाद सिद्दीकी भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। हो सकता है कि प्रशासन द्वारा उसे इसलिए रोका जा रहा हो क्योंकि वह शांति भंग कर सकता है।