06 जुलाई 2023, पटना
बिहार जद(यू0) के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से भाजपा केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर तमाम विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है। मोदी सरकार की यह नीति इस बात को पुनः प्रमाणित करती है कि भाजपा अब राजनीतिक लड़ाई लड़ने में अक्षम है। उन्होंने कहा कि लैंड फाॅर जाॅब संबंधित मामले को दो बार जांच के बाद बंद कर दिया था मगर जब बीते वर्ष बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी तो भाजपा के लोग बेचैन हो गए, नतीजतन पुनः इस मामलें को झूठे साक्ष्यों के आधार पर साजिश के तहत जिंदा किया गया ताकि बिहार में सामाजिक न्याय एवं विकास की प्रक्रिया अवरुद्ध हो साथ ही साथ संविधान में विश्वास रखने वाली पार्टियां जो गोलबंद हो रही हैं उनमें व्यवधान उत्पन्न हो, जो की शर्मनाक है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि देश की राजनीति में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि केंद्र सरकार अपने विरोधियों को कमजोर करने के लिए सरकारी एजेंसियों का इस तरह से इस्तेमाल करें। एक लोकतांत्रिक देश में अपने विरोधियों के प्रति सरकार की यह मंशा राजनीतिक शुचिता और लोकतंत्र की गरिमा के अनुरूप नहीं है। लोकतंत्र में विपक्ष का एक महत्वपूर्ण स्थान है, विपक्ष की भूमिका को नकारना कहीं न कहीं भाजपा के अलोकतांत्रिक दृष्टिकोण को दर्शाता है। देश के संविधान में भाजपा की अब कोई आस्था नहीं रही, विपक्ष को आवाज को कुचलने के लिए भाजपा संविधान विरोधी रास्ते पर चल रही है मगर संवैधानिक अधिकारों व मूल्यों पर प्रहार किसी भी कीमत में देश स्वीकार नहीं करेगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने महाराष्ट्र प्रकरण का भी हवाला देते हुए कहा कि कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी जी एनसीपी को पानी पीकर कोस रहे थे। भोपाल की जनसभा में उन्होंने स्पष्ट कहा था कि एनसीपी घोटालेबाजों की पार्टी है मगर आज वहीं एनसीपी भाजपा के साथ महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार चला रही है, इतना ही नहीं जिस अजित पवार पर भाजपा के लोग सिंचाई घोटाले का आरोप लगाते थे वही अजित पवार भाजपा की सरकार में उप-मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल रहे हैं। एनसीपी के जिन विधायकों पर भ्रष्टाचार के जांच चल रहे थे आज वह विधायक सरकार में मंत्री बनाए गए हैं।
श्री कुशवाहा ने कहा कि भाजपा अपने राजनीतिक सुविधा और सहूलियत के अनुसार नेताओं को भ्रष्टाचारी और सदाचारी होने का प्रमाण पत्र देती है। भाजपा की गोद में खेलने वाला भ्रष्टाचारी नेताओं को भी सदाचारी बना दिया जाता है और भाजपा के खिलाफ बोलने वाला सदाचारी नेताओं को भी भ्रष्टाचारी बना दिया जाता है, यही भाजपा की राजनैतिक कार्यशैली है। भारतीय जनता पार्टी भ्रष्टाचारियों की पार्टी है, उनके 42 प्रतिशत केंद्रीय मंत्रियों के विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज हैं और लगभग 116 बीजेपी सांसदों के विरुद्ध अपराधिक मामले दर्ज हैंं। केंद्र सरकार इन सभी पर जांच क्यों नहीं करती? स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार के मामले पर भाजपा की दोहरी नीति है। सत्ता का अंतिम दिन गिन रही भाजपा का अहंकार के सातवें आसमान पर है, विपक्षी एकता 2024 में इनके अहंकार को ध्वस्त कर देगी।
लोकतांत्रिक एवं राजनीतिक मूल्यों को कलंकित कर रही है भाजपा : उमेश सिंह कुशवाहा

Leave a comment
Leave a comment